परिचय
भारतीय सिनेमा के लिए यह वर्ष ऐतिहासिक बन गया जब अणुपर्णा रॉय ने अपने डेब्यू फीचर Songs of Forgotten Trees के लिए वेनिस फिल्म फेस्टिवल 2025 में Best Director Award जीतकर इतिहास रच दिया। वे बनीं पहली भारतीय फ़िल्मनिर्देशिका जिन्हें प्रतिष्ठित Orizzonti (Horizons) श्रेणी में यह सम्मान मिला। इस पल ने न केवल भारतीय सिनेमा को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाई, बल्कि नई पीढ़ी के फिल्म निर्माताओं के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन गया।
अणुपर्णा की इस उपलब्धि पर बॉलीवुड अभिनेत्री अलिया भट्ट ने इसे “a beautiful moment for Indian cinema” करार दिया और सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दी। प्रियंका चोपड़ा समेत कई नामचीन कलाकारों ने भी इस जीत को भारतीय सिनेमा की उड़ान बताया।
अद्भुत उपलब्धि – अणुपर्णा रॉय का ऐतिहासिक प्रदर्शन
वेनिस फिल्म फेस्टिवल दुनिया के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में से एक है। यहाँ जीतना किसी भी फिल्मकार के लिए सपने से कम नहीं होता। अणुपर्णा रॉय ने इस मंच पर Songs of Forgotten Trees के जरिए भारतीय सिनेमा का परचम लहराया।
उनका यह पुरस्कार सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय महिलाओं और युवा फिल्मकारों के लिए उम्मीद की किरण है। The Times of India और The Economic Times जैसी मीडिया संस्थाओं ने इसे भारतीय सिनेमा के लिए “ऐतिहासिक क्षण” कहा है।
फिल्म की झलक – ‘Songs of Forgotten Trees’ की कहानी और थीम
Songs of Forgotten Trees संवेदनशील मानवीय रिश्तों और प्रवासी जीवन की जटिलताओं पर आधारित है। कहानी मुंबई में रहने वाली दो प्रवासी महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक ही फ्लैट में रहती हैं। धीरे-धीरे उनके बीच एक अनकहा लेकिन गहरा भावनात्मक रिश्ता विकसित होता है।
फिल्म की थीम मूक सहानुभूति, संघर्ष और आत्म-अभिव्यक्ति से जुड़ी है। Dhaka Tribune और Wikipedia के अनुसार, यह फ़िल्म “मानवीय रिश्तों की गहराई और प्रवासी जीवन की असहजताओं” को बेहद खूबसूरती से पेश करती है।
अलिया भट्ट का संदेश – ‘एक खूबसूरत पल’
अलिया भट्ट ने सोशल मीडिया पर अणुपर्णा की जीत को साझा करते हुए लिखा—यह “a beautiful moment for Indian cinema” है। उनके इस संदेश को व्यापक रूप से सराहा गया।
The Tribune ने बताया कि अलिया का यह संदेश महिला फिल्म निर्माताओं के लिए समर्थन और प्रोत्साहन का प्रतीक है। बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक द्वारा इस तरह का सार्वजनिक समर्थन महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम है।
पथ – आईटी से फिल्मों तक: रॉय की प्रेरणादायक यात्रा
अणुपर्णा रॉय की यात्रा किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। वह पहले एक उच्च-भुगतान वाली आईटी पेशेवर थीं। लेकिन कोविड महामारी के बाद उन्होंने अपने दिल की आवाज़ सुनी और मुंबई जाकर सिनेमा की दुनिया में कदम रखा।
The Economic Times और Hindustan Times के मुताबिक़, परिवार शुरू में उनके फैसले से असहज था, लेकिन आज यही परिवार उनकी उपलब्धि पर गर्व कर रहा है। NDTV के अनुसार, रॉय का कहना है कि “मेरे लिए सिनेमा सिर्फ करियर नहीं, बल्कि जीवन की सच्चाई है।
परिवार की प्रतिक्रिया – गर्व और भावनात्मक पल
रॉय की इस सफलता ने उनके परिवार और गाँव पुरुलिया (पश्चिम बंगाल) में खुशी की लहर दौड़ा दी। The Times of India ने लिखा कि उनके माता-पिता ने इस पल को “अकल्पनीय और गौरवपूर्ण” बताया।
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक़, परिवार का कहना है कि “हमने कभी सोचा भी नहीं था कि अणुपर्णा इस मुकाम तक पहुँचेंगी। आज वह सिर्फ हमारी बेटी नहीं, बल्कि पूरे देश की प्रेरणा बन गई हैं।”
वेनेज़ फेस्टिवल पर उनकी बोलती छाप
अणुपर्णा रॉय का acceptance speech भी चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने बच्चों और लड़कियों के अधिकारों की वकालत की और कहा कि सिनेमा सामाजिक बदलाव का माध्यम होना चाहिए।
The Indian Express और Telegraph India के अनुसार, उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी। Reddit पर भी कई यूज़र्स ने उनके साहसिक शब्दों की सराहना की।
भव्य समर्थन – प्रियंका चोपड़ा की बधाई
प्रियंका चोपड़ा ने भी अणुपर्णा रॉय को सोशल मीडिया पर बधाई देते हुए लिखा कि उनकी यह जीत भारतीय सिनेमा के लिए गर्व की बात है। The Times of India की रिपोर्ट में इसे “Bollywood’s global recognition moment” कहा गया।
प्रियंका का यह समर्थन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फिल्मों की बढ़ती ताकत का प्रमाण है।
महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व
रॉय ने अपनी जीत को सिर्फ व्यक्तिगत नहीं माना। उनका कहना था:
“यह जीत पुरुलिया, बंगाल, भारतीय महिलाओं और सिनेमा की शक्ति को दुनिया के सामने लाने का क्षण है।”
The Times of India के अनुसार, उन्होंने अपने परिधान (साड़ी) को भी अपनी जड़ों और पहचान का प्रतीक बताया। इसने महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व पर एक मजबूत संदेश दिया।
वैश्विक मंच पर भारतीय सिनेमा की उड़ान
अणुपर्णा रॉय की इस जीत ने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मानचित्र पर और मजबूत किया है। The Economic Times और Vogue ने इसे “a defining moment for Indian cinema” करार दिया।
यह जीत दिखाती है कि भारतीय सिनेमा सिर्फ बॉलीवुड की चमक तक सीमित नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कला और संस्कृति का हिस्सा भी है।
निष्कर्ष
अणुपर्णा रॉय की Songs of Forgotten Trees की जीत ने भारतीय सिनेमा को एक नया आयाम दिया है। आईटी पेशे से फिल्मनिर्माण तक की उनकी यात्रा, परिवार और गाँव की भावनाएँ, अलिया भट्ट और प्रियंका चोपड़ा जैसे सितारों का समर्थन—ये सभी मिलकर इस पल को ऐतिहासिक बना देते हैं।
यह क्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए संदेश है: अगर जुनून और हिम्मत हो, तो सपनों को सच किया जा